गुणवत्ता नियंत्रण
खेत स्तर पर
- मानक के अनुसार सही पृथक्करण दूरी बनाएं रखे।
- प्रयास यह किया जाए कि एक स्थान पर सम्पूर्ण बीज प्रक्षेत्र एक प्रजाति के अन्तर्गत हो तथा एक ही श्रेणी एवं अवस्था का हो।
- पूरा बीज प्रक्षेत्र एक साथ बोया जाये अतः एक स्थान पर कुल क्षेत्रफल 10 हे. से अधिक क्षेत्रफल न होने पर निरीक्षण हेतु 1. हे. क्षेत्रफल की इकाई बनायें।
- समस्त बीज प्रक्षेत्र एक वर्ग किलोमीटर के अन्दर हो।
- बीज प्रक्षेत्र में मिश्रित फसलें न बोई जायें।
- सीड ड्रिल से बोआई करने की दशा में अन्य प्रजाति की बोआई करने से पूर्व उसकी समुचित सफाई भी नितान्त आवश्यक है।
- बुआई इस प्रकार की जाये कि निरीक्षण में असुविधा न हो।
- जनक एवं आधारीय बीजों के किसी अन्य संस्था से क्रय किये जाने की स्थिति में बीजों का जमाव परीक्षण क्रय से पूर्व अवश्य करा लें।
- आधारीय बीजों के उत्पादन में कृषि विश्वविद्यालयों, राजकीय कृषि फार्मों एवं प्रगतिशील बीज उत्पादकों को प्राथमिकता दी जाये जिससे वांछित स्तर तक रोगिंग हो सके तथा उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन सम्भव हो सके। आधारीय बीज प्रक्षेत्रों का निरीक्षण परियोजना अधिकारी/बीज उत्पादन अधिकारी के स्तर से भी किया जाये।
- प्रक्षेत्र स्तर पर बीजो की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु गुणवत्ता निरीक्षण भी किये जाएं।
खलिहान स्तर पर
- बीजों की मड़ाई/गहाई का कार्य इस प्रकार किया जाये कि एक प्रजाति के बीज का दूसरी प्रजाति के बीज में मिश्रण न होने पाए।
- बीज को बोरों में भरने से पूर्व, उनके नए न होने की दशा में पलटकर झाड़ लें जिससे उन बोरों में किसी प्रकार के अन्य किसी फसल/प्रजाति के अथवा पूर्व सत्र के दाने न रहने पाएं।
- पुराने बोरों को मैलाथियान कीटनाशक का प्रयोग करके कीट मुक्त करना भी सुनिश्चित कर लें।
- बोरों में भरने से पूर्व बीज को वांछित/निर्धारित सीमा तक सुखा लें।
- बोरों को सील कराकर दोहरी पंक्तियों में इस प्रकार भण्डारित करें कि आवश्यकतानुसार बीज के प्रत्येक बोरे से नमूना लिया जा सके। बोरों पर कोड संख्या एवं प्रजाति अंकित कराएं। प्रक्षेत्र नमूना लेकर सील किया जाए एवं उसका एक भाग सीलकर उत्पादक के पास रखा जाये।
संयंत्र स्तर पर
- निगम द्वारा जारी किये गये अन्त:ग्रहण पत्र के अनुसार ही बीजों का संयंत्र पर अन्त: ग्रहण कराएं।
- संयत्र पर अन्त:ग्रहण प्रत्येक दिन निर्धारित नार्म के अनुसार ही कराएं।
- बी.पी. नमूना वरण कर सील लगवाएं। एक गार्ड नमूना संयंत्र पर सुरक्षित ढंग से रखवाएं। वी.पी. नमूने नियमित रूप से परीक्षण हेतु बीज परीक्षण प्रयोगशाला को भेजे जाये।
- संयंत्र पर किसी भी पाली में नार्मस से अधिक मात्रा की विधायन न कराया जाये।
- धान/गेंहू बीजों के विधायन हेतु संयंत्रो पर इण्डेंटेड सिलिंडर एवं दलहनी बीजों के विधायन करते समय ग्रेविटी सेपरेटर का प्रयोग किया जाये।
- विधायन के समय बीज शोधन के रसायन की समुचित मात्रा का समरस प्रयोग सुनिश्चित किया जाये।
- थैलो मे संसाधित बीज की सही मात्रा भरी जाये। टैंक मे आटोमेटिक वेयर स्थापित होने की दशा मे प्रत्येक 15-20 थैलों के बाद एक दो थैलों का वजन एवरी तुलाई मशीन अथवा तिपाई वाले तोल काटे से जांच लिया जाये। थैलों मे सही वजन भरना सुनिश्चित किया जाये।
- प्रत्येक थैले पर सील अवश्य लगाई जाये।
गोदाम स्तर पर
- विधायन के उपरान्त बीजों को उपयुक्त गोदाम में भण्डारित किया जाये।
- जिस गोदाम में बीज भण्डारित करने हों उसमें बीज के अतिरिक्त कोई अन्य वस्तु विशेष रूप से रासायनिक खाद का भण्डारण न किया जाये।
- गोदाम एयरटाइट हो, गोदाम की प्लिन्थ जमीन से ऊंची हो। वह हवादार एवं सीलन से मुक्त हो।
- गोदाम में बीजों के भण्डारण हेतु लकड़ी के क्रेटों का प्रयोग किया जाये। अपरिहार्य परिस्थितियों में यदि फर्श पर चटाइयों का प्रयोग करना पड़े तो चटाइयों पर पालीथीन की दोहरी तह बिछाने के उपरान्त ही उस पर बीजों का चट्टा लगाया जाये।
- गोदाम में चिड़ियों के घोसले तथा अन्य किसी प्रकार की गन्दगी नहीं होनी चाहिए।
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बीज भण्डारण के पूर्व गोदाम के फर्श, दीवार तथा छत पर निम्न कीटनाशक दवाओं का घोल बनाकर छिड़काव कराएं।
- डेल्टामेथ्रिन 2.5 प्रतिशत डब्लू.पी. 120 ग्राम 3 ली. पानी में प्रति 100 वर्ग मी.
- मैलाथियान 3 प्रतिशत
- डी डी वी पी 0.25 या 0.50 प्रतिशत एक लीटर प्रति 100 घनमीटर
- गोदाम की दीवार से 2 फुट की दूरी से चट्टे लगाये जाएं। चट्टे से चट्टे की दूरी 3 फुट रखी जाये।
- अलग-अलग प्रजातियों एवं अलग-अलग साइज के थैलों के चट्टे अलग-अलग लगाये जाएं।
- थैलों का मुंह अन्दर की ओर रखा जाये।
- भण्डारण के उपरान्त गोदाम को ध्रुमीकरण करके बन्द कर देना चाहिए। गोदाम के एयरटाइट न होने की स्थिति में चट्टों पर ध्रूमीकरण कवर डालकर ध्रूमीकरण किया जाये। ध्रूमीकरण के लिए सेल्फास की एक से दो टिकिया प्रति टन बीज मात्रा या एक टिकिया प्रति 4 वर्ग मीटर क्षे. के हिसाब से किसी प्याली में रखकर बोरों के विभिन्न स्तरों पर नीचे से ऊपर तक इस प्रकार रखें कि गैस का फैलाव समान रूप से हों।
- ध्रूमीकरण के उपरान्त गोदाम के दरवाजों/खिड़कियां अथवा ध्रूमीकरण कवर के चारों ओर गीली मिट्टी का प्रयोग करें जिससे गैस का बाहर रिसाव न हो सकें। पूरी ध्रूमीकरण की कार्यवाही 20 मिनट में समाप्त हो जाये। ध्रूमीकरण के उपरान्त गोदाम को अथवा चट्टों को एक सप्ताह तक बन्द रखना चाहिए। साफ मौसम में ही गोदाम खोले तथा कम से कम 4 घण्टे तक सभी दरवाजों एवं खिड़कियों को खुला रखने के उपरान्त ही गोदाम में घुसना चाहिए।
- साफ मौसम में गोदाम का समय-समय पर निरीक्षण किया जाये। थैलों की सिलाई के पास उंगलियों से रगड़कर जांच करें कि उसके नीचे ऊपर कीड़ों के अण्डे तो नहीं हैं।
- कीड़े दिखाई देने की स्थिति में ध्रूमीकरण करें तथा एक माह पश्चात पुनः गोदाम का ध्रूमीकरण करें। गेहूं बीज भण्डारित होने की स्थिति में अन्तिम ध्रूमीकरण सितम्बर माह के अन्तिम सप्ताह में करना चाहिए। छिड़काव प्रत्येक 15 दिन की अवधि के उपरान्त करना चाहिए। जुलाई के मध्य से सितम्बर मध्य तक विशेष सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इसी अवधि में कीटों का सर्वाधिक प्रकोप होता है।
- बीज गोदाम से तभी बीज दिया जाये जब वातावरण में आर्द्रता 75 प्रतिशत से अधिक न हो।